kanchan singla

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सच्चा वादा

एक वादा सच्चे इरादों सा
जब कोई करता है किसी को
मानो वादों में अपना दिल रखकर दे गया हो...!!

वादें इंतजार लेकर आते हैं
कुछ लम्हों का या बरसों का...!!

कोई वादा गुजरता है
मुस्कानों से, जज्बातों से
आखों में बसे उस यकीन से...!!

जब टूटता है कोई वादा
जैसे मोती की कोई टूटी माला
ऐसे ही विश्वाश बिखकर गिरता है
रेत के कणों में जा मिलता है...!!

क्या अब फिर से आएगा वही सवेरा
क्या कर पाएगा फिर से कोई सच्चा वादा..??

लेखिका - कंचन सिंगला

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5 Comments

Abhinav ji

12-Dec-2021 11:36 PM

बहुत खूब

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Raghuveer Sharma

11-Dec-2021 11:43 PM

waah

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Shrishti pandey

11-Dec-2021 11:17 PM

Bahut khoob

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